Ek koshis.............

My photo
Faizabad, U.P, India
Hi,Myself Akhilesh Dwivedi a pharma professional; working in Dr.Reddy's Labs.

Thursday 12 May 2011

दोहे :

दोहे :
1..काली मोरी काया है नाही कौनव आकर्षण ...
  फिरहु मन को परखन खातिर फिरत हैं साथ मे दर्पण...

2..तू सोचे मैं बन जाऊं..
  मैं सोचु तोय..
  हम दोनो ही मूरख हैं ...
  सोचे से का होये....
3..तू एक गरम सलाख सा ....
  मैं एक सीतल लोहॅ....
  तुझको चाहे जो मोडऐ..
  मोहे मोड़ सके ना कोय

No comments:

Post a Comment